1. इसकी फसल बलुई दुमट भूमियों से अच्छी होती है। 2. इसकी फसल बलुई दुमट भूमियों से अच्छी होती है। 3. बैंगन महीन, समृद्ध, भली भाँति जलोत्सारित, बलुई दुमट मिट्टी में अच्छा उपजता है। 4. बलुई दुमट मिटटी में पर्याप्त नमीं होने पर फसल बहुत अच्छी होती है।5. इसके लिए मिट्टी बलुई से बलुई दुमट तथा कम पोषक तत्ववाली अच्छी होती है। 6. इसके लिए मिट्टी बलुई से बलुई दुमट तथा कम पोषक तत्ववाली अच्छी होती है। 7. भूमि का चुनावबलुई और बलुई दुमट भूमि तथा उपजाऊ भूमि, जिसमें पानी का निकास अच्छा हो पपीताकी खेती के लिए उत्तम है. 8. पी. डी. जी. एल. सी. तकनीक विकसित की गई. बलुई दुमट मिट्टी में सेबुफास मध्यम रूप से बना रहा और नमी और तापक्रम कीविभिन्न अवस्थाओं मे इसकी अर्ध-आयु ७. 9. पी. डी. जी. एल. सी. तकनीक विकसित की गई. बलुई दुमट मिट्टी में सेबुफास मध्यम रूप से बना रहा और नमी और तापक्रम कीविभिन्न अवस्थाओं मे इसकी अर्ध-आयु ७. 10. कई प्रकार की मिट्टियों में पालक सुगमता से उगाया जा सकता है, पर बलुई दुमट , सादमय दुमट (silty loams) तथा दुमट भूमियों पर अधिक अच्छा उगता है।